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'''भूखे मरते भक्त, ऐश करते ठग -चोर जवारी क्यूं,''''''फिर भगवान तनैं न्यायकारी , कहती दुनिया सारी क्यूं नशे विषे में मस्त दुष्ट सुख की निद्रा सोते देखे सतवादी सत पुरुष भूख में जिन्दगानी खोते देखे एम.ए. बी.ए. पढ़े लिखे सिर पर बोझा ढोते देखे महा लंठ अनपढ़ गंवार कुर्सीनशीन होते देखे फूहड़ जन्मै बीस एक नै तरसै चातुर नारी क्यूं || टेक ||'''
कोई निरगुण गुणवान तनै, कोई साहूकार कोई नंग करया, कोई रोवै कोई सुख से सोवै, कहीं सोग कहीं रंग करया, कोई खावै कोई खड्या लखावै, सर्वमुखी कोई तंग करया, ना कोई दोस्त ना कोई दुश्मन, फिर क्यूं ऐसा ढंग करया, कोई निर्बल कोई बली बना दिया, कोई हल्का कोई भारी क्यूं || जीव के दुश्मन जीव रचे , क्यूं सिंह सर्प और सूर तनै , संभल वृक्ष किया निष्फल , केले में रच्या कपूर तनै , कोयल का रंग रूप स्याह कर दिया , बुगले को दिया नूर तनै , सांगर टींड बृज में कर दिए , काबुल करे अंगुर तनै , बुधु कानूनगो होग्या , रहा “हरीकेश” पटवारी क्यूं||
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