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एक नया संसार लिख दो।
आज कैसा वक़्त आया, भाई-भाई को न जाने।
सब खिंचे से जी रहे हैं,
बात किसकी कौन माने।
नफरतों नफ़रतों को तुम मिटाकर,
आज केवल प्यार लिख दो।
इस कलम से आज कवि तुम,
एक नया संसार लिख दो।
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