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'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=वसीम बरेलवी |अनुवादक= |संग्रह=मेर...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
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{{KKRachna
|रचनाकार=वसीम बरेलवी
|अनुवादक=
|संग्रह=मेरा क्या / वसीम बरेलवी
}}
{{KKCatGhazal}}
<poem>
ख़्वाब देखूं, ख़्वाब-सी ताबीर हो सकती नही
जो बदल जाये, मेरी तक़्दीर हो सकती नही
मेरी जािनब हों निगाहे, दिल मे कोई और हो
इतनी लापरवा तेरी तस्वीर हो सकती नही
रौंदते जाते हो रिश्ते , तोडते जाते हो दिल
इस तरह तो कोई भी तामीर हो सकती नही
कुछ भी सुनने के लिए राज़ी नही है सािमईन
आज जलसे मे कोई तक़रीर हो सकती नही
मै मुख़ाितब हूं, तो मेरा नाम भी होगा कही
इस क़दर बेरबत यह तह्रीर हो सकती नह
</poem>
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|रचनाकार=वसीम बरेलवी
|अनुवादक=
|संग्रह=मेरा क्या / वसीम बरेलवी
}}
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<poem>
ख़्वाब देखूं, ख़्वाब-सी ताबीर हो सकती नही
जो बदल जाये, मेरी तक़्दीर हो सकती नही
मेरी जािनब हों निगाहे, दिल मे कोई और हो
इतनी लापरवा तेरी तस्वीर हो सकती नही
रौंदते जाते हो रिश्ते , तोडते जाते हो दिल
इस तरह तो कोई भी तामीर हो सकती नही
कुछ भी सुनने के लिए राज़ी नही है सािमईन
आज जलसे मे कोई तक़रीर हो सकती नही
मै मुख़ाितब हूं, तो मेरा नाम भी होगा कही
इस क़दर बेरबत यह तह्रीर हो सकती नह
</poem>