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खिलते हैं अरूणाकाश<br>
में<br>
से<br>
तड़कर गिरने से पहले<br>
बिजलियां कौंधती हैं<br>
अरूणाकाश में<br>
अरूणाकाश<br>
ठहाके उसे ही गुंजातेगुँजाते<br>
हैं<br>
में गिरता<br>
जब भारी हो जाता है दुख<br>
तब उपर ऊपर उठती आह<br>समेट लेता हैजिसे<br>
अरूणाकाश।