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Kavita Kosh से
हाय गे माय, सपना में देखलां।
पिया नै छै पढ़लोॅ हे भगवान,
हाय गे माय, सपना में देखलां।।देखलां।
बेचबै हम शंखा चूड़ी, कीनबै कितबिया
हाय गे माई, काॅपी-कलमियाँ।
पिया जी केॅ भेजबै सब सामान,
हाय गे माई, काॅपी-कलमियाँ।।कलमियाँ।
बाबू जी से चुपके-चोरी भेजबै रूपैया
हाय गे माई, मास्टर लगैबै।
पियाजी केॅ बनैबै हम विद्वान
हाय गे माई, मास्टर लगैबै।।लगैबै।
साक्षरता-केन्द्र खोली-खोली, पियाजी के संग-संग
हाय गे माई, सबकेॅ पढ़ैभै।
सफल होतै साक्षरता-अभियान
हाय गे माई, सबकेॅ पढ़ैभै।।पढ़ैभै।
अनपढ़-निरक्षर नाहीं रहतै कोय आवेॅ
हाय गे माई, करै छीं परणमां।
होतै हमरोॅ भारत देश महान्
हाय गे माई, करै छीं परणमां।।परणमां।
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