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Kavita Kosh से
मेरे ख्वाज़ा
मुझे दे नींद नीन्द ऐसी
जो कभी टूटे ना
किसी शोर से
जहाँ मैं लोरियां लोरियाँ सुनता रहूँ
अपने इस जीवन भर ।
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