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कोयलें उदास मगर फिर-फिर वे गाएँगी
नए-नए चिन्हों से राहें भर जाएंगीजाएँगी
खुलने दो कलियों की ठिठुरी ये मुट्ठियाँ
माथे पर नई-नई सुबहें मुस्काएँगी
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