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युद्ध प्रसंग / राघव शुक्ल
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10:31, 24 अप्रैल 2020
सेनापति प्रहस्त है आया
भीषण युद्ध किया है उसने
किंतु पराजय का फल खाया
अब प्रहस्त वध से लंका में, आज शोक की बदली छाई
</poem>
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