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चम्पारण (बिहार) के ऐतिहासिक धरती पर जनमल जलज कुमार अनुपम जी पढ़ले त अभियांत्रिकी के पढ़ाई बानी बाकिर साहित्य में मजगर आ मनगर मन लगावेनी। ईहाँ के मुख्य रूप से हिंदी आ भोजपुरी के प्रेरक वक्ता, भावुक कवि, समसामयिक ब्लॉगर, कॉलम लिखे वाला के रूप में जानल जाला। मैथिली-भोजपुरी अकादमी, दिल्ली से एगो किताब 'हमार पहचान' छप चुकल बा। आजकल हिंदी उपन्यास अउरी भोजपुरी में बाल साहित्य के आलावा कुछ अन्य विषयन पर काम कर रहल बानी।
चम्पारण (बिहार) की ऐतिहासिक धरती पर जन्मे जलज कुमार अनुपम ने शिक्षा तो अभियांत्रिकी की ली है मगर साहित्य में मन की गहराइयों से रूचि रखते हैं। जलज को मुख्य रूप से हिंदी और भोजपुरी के प्रेरक वक्ता, भावुक कवि, समसामयिक ब्लॉगर,जागरूक कॉलम लिखने के लिए जाना जाता है। मैथिली-भोजपुरी अकादमी, दिल्ली से आपकी एक पुस्तक 'हमार पहचान' प्रकाशित हो चुकी है। जलज बेबाक व तार्किक पक्ष रखने के साथ ही नवाचार प्रवृति के प्रखर वक्ता हैं। आजकल वे हिंदी उपन्यास और भोजपुरी से जुड़े कुछ अन्य प्रोजेक्टस पर काम कर रहे है।
चम्पारण (बिहार) की ऐतिहासिक धरती पर जन्मे जलज कुमार अनुपम ने शिक्षा तो अभियांत्रिकी की ली है मगर साहित्य में मन की गहराइयों से रूचि रखते हैं। जलज को मुख्य रूप से हिंदी और भोजपुरी के प्रेरक वक्ता, भावुक कवि, समसामयिक ब्लॉगर,जागरूक कॉलम लिखने के लिए जाना जाता है। मैथिली-भोजपुरी अकादमी, दिल्ली से आपकी एक पुस्तक 'हमार पहचान' प्रकाशित हो चुकी है। जलज बेबाक व तार्किक पक्ष रखने के साथ ही नवाचार प्रवृति के प्रखर वक्ता हैं। आजकल वे हिंदी उपन्यास और भोजपुरी से जुड़े कुछ अन्य प्रोजेक्टस पर काम कर रहे है।