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अम्मा चली गई / शशिकान्त गीते

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गंगा-जल भी नहीं पिया
इच्छा तो कितनी तो इच्छा थी लेकिन
कोई तीरथ नहीं किया
बेटों पर विश्वास बड़ा था
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