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Kavita Kosh से
हर थोड़ी देर में ‘हम्म्’ बोलती
पूरी कहानी खुली आँखों से सुनती
कहानी: खोज का ज़रिया — ख़ुशी की खोज ।
अब मैं कहानी सुना रही ।