भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
अर्को एउटा साथीको गुइँठा
खरानी भयो।
...................................................................
'''[[ईंधन / गुलज़ार|इस कविता का हिन्दी अनुवाद पढ्ने के लिए यहाँ क्लिक करेँ ।]]'''
</poem>