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पढ्न नसकेका श्लोकहरूलाई
तिनको स्पर्शबाट अनुभूत गरेँ।
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'''[[स्पर्श / गुलज़ार |इस कविता का मूल हिन्दी पढ्ने के लिए यहाँ क्लिक करेँ ।]]'''
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