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Kavita Kosh से
किसी एक जगह पर
हर कोई उस भीड़ में होगा अल्पसंख्यक
और भीड़ के लपलपाते हा हाथ तलाशेंगे
सबका गला, सबकी रीढ़ और सबकी पसलियाँ ।