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'''वसन्त के अग्रदूत और उम्मीद के प्रतीक घण्टियों के रूपाकार वाले ये सफ़ेद जंगली फूल, जिन्हें अँग्रेज़ी में ’स्नोड्रॉप’ कहते हैं और '''हिन्दी, उर्दू फ़ारसी में ’गुलचान्दनी’, सर्दियों के ठीक अन्त में ज़मीन पर पड़ी बर्फ़ के नीचे खिलना शुरू हो जाते हैं। '''
तुम्हें पता है क्या थी मैं, कैसे जिया मैंने? तुम्हें पता है
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