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/* प्रतिनिधि रचनाएँ */
* [[बिरही के प्राण गये हार! / विद्याधर द्विवेदी 'विज्ञ']]
* [[मैं आबाद रहूँगा / विद्याधर द्विवेदी 'विज्ञ']]
एक गरम कोट ईमानदार किरानी के लिए / विद्याधर द्विवेदी 'विज्ञ'