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|रचनाकार=केटी निव्याबन्दी
|अनुवादक=अनिल जनविजय
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<poem>
हम आज़ादी चाहते हैं
पीले हीरे की तरह आज़ादी
धूल से निकालेंगे जिसे
निकालेंगे पत्थरों को काटकर

हमारे नंगे हाथों से
चट्टानों पर बहेगा खून

हम कोयले में साँस लेते हैं
और सारी उम्मीद छोड़ देते हैं

'''अँग्रेजी से अनुवाद : अनिल जनविजय'''

'''लीजिए, अब इसी कविता को मूल अँग्रेज़ी भाषा में पढ़िए'''
Ketty Nivyabandi
Hope of Freedom

we seek freedom
like yellow diamonds
through dust
through stone

our naked hands
bleed on rocks

we breathe in coal
but exhale hope
</poem>
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