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|रचनाकार=बैर्तोल्त ब्रेष्त
|अनुवादक= उज्ज्वल भट्टाचार्य
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<Poem>
हिटलर ने ईसा से कहा —
मेरी बात से हो राज़ी
यहूदियों से नफ़रत है तुम्हें
यानी तुम हो एक अच्छे नाज़ी !

नफ़रत तुम्हें आज़ादी के सपनों से
अमन और इंसाफ़ नहीं क़रीब ?
देखो हमारे परचम पर
बनी है इक टेढ़ी सलीब !

बता दो मुझे, ईश्वर के पुत्र
यहूदी विरोधी हो या नहीं ?
ईसा ने कुछ बालू पर लिखा
और जवाब भी दिया वही :

— जिसकी नस्ल हो शुद्ध सुघड़
वह फेंके पहला पत्थर ।

'''मूल जर्मन भाषा से अनुवाद : उज्ज्वल भट्टाचार्य'''
</poem>
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