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मोहब्बत की तलाश में
मिल गई चिड़िया,

चिड़ियों को ढूँढ़ते-ढूँढ़ते
पहुँच गया मैं पिंजरे के भीतर —

और इस पिंजरे के भीतर,
फैल चुकी है तन्हाई ।

मोहब्बत की तलाश में
प्रकृति हुई परिभाषित ।

स्वभाव में उपजी ग़लतियाँ,
और ग़लतियों की गहराइयों को देखकर —
पीला सेमल फूल

मोहब्बत की तलाश में
ढूँढ़ पाया पहाड़

पहाड़ के भीतर एक चुप,
चुप्पी के भीतर झाँकती हुई
जंगली फूलों की गहराई

मोहब्बत की तलाश में
लग गई नशे की लत,

और इस दुराचरण के भीतर
जुदाई के शोक

जुदाई वह
जो हमेशा साथ चलती रहती है,

भले ही सबकुछ ख़त्म हो जाए,
साथ के संकेत बाक़ी हैं ।

'''मूल बांगला से अनुवाद : तनुज'''
</poem>
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