भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
[[Category:हाइकु]]
<poem>
1करे निस्तार!सच्चा सलाहकारस्नेह तुम्हारा।2तुम्हें वन्दन!है तरनतारन तुम्हारा नेह।3कोरा जीवन-तुमने रंग भरा हो गया हरा!4बाँधो प्रेम काकलाई पे कलावा छोड़ो छलावा।5दुख से जना-पीड़ा का कोप हरेप्रिय- प्रार्थना!6प्रिय सींचतेमेरा मन- पाटल मुझे दें बल।7पावन प्रीति!प्रिय तेरी आरतीमैं उतारती।8कहीं अटकूँ-तुम विश्वकोश- सेबचूँ दोष से!9लेती बलाएँ!!आए जूड़ी न खाँसी प्रीति है माँ- सी।10प्रेम की रज आओ माथे लगाऊँ पीर भगाऊँ।11तेरे मस्तक प्रेम- रज मल दूँपुन: बल दूँ। 12तुम्हीं परिधि!बोलो कौन सी विधिबदलूँ दिशा?3माथे लगाऊँप्रभु का प्रसाद हैप्रेम तुम्हारा!14मरुथल में जैसे हो बरसात तुम्हारा साथ!5आँखों को मूँदमन- चातक चखेप्रेम की बूँद।6वे स्वाति- बूँद! कैसे रहे पृथकप्यासा चातक।17प्रेम- सद्भाव!पाटल जैसे भाव पा तुम्हें खिले।18दिन- रात कामेरा कार्य- कलापतुम्हारा जाप!19ईश न दूजा!तुम्हें सर्वस्व मानानेम से पूजा।20प्रिये! अशेषप्रेम तुम्हारा श्लेषजीने का अर्थ।21तुम्हारी प्रीत रक्षक बन मीत दिलाए जीत।-0-
</poem>