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Kavita Kosh से
नीले आकाश में ऊपर सभी पिल्लों की परछाईं
पहाड़ी के पीछे खेतों में जब गायब हो गया चाँद
वो बेहाल हो चुकी थी, बच्चों को दे रही थी विदाई
सब ख़त्म हो चुका था, उसकी न हुई सुनवाई