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Kavita Kosh से
अभी हमारी आगे भी और मुलाक़ातें होंगीं,
हर साल मई महीने में खिलेगा बकाइन, जैसे वो खिलता है,
और फिर से कोयल गाएँगीगाएगी, पक्षियों की चहचहाटें होंगी ।
चिराबेल के पेड़ों के ऊपर ख़ूब चमकेंगे तारे अभी,