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स्वाभाविक ही
मेरे मन में उभर आते हैं
वे भयावने भयावह दृश्य
व्यथित मन से मैं पी लेता हूँ वह तीखा ज़हर
जो पकड़ रखा था मैंने अपने हाथों में
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