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Kavita Kosh से
क्या अपने बच्चों को छोड़कर
उन्हें अपना जूड़ी बुखार और भूख देखकरदेकर
गरमी में एक दिन
तुम एक तृणहीन क़ब्रिस्तान में नहीं गाड़े गए ?