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|रचनाकार=रसूल हम्ज़ातव
|अनुवादक=मदनलाल मधु
|संग्रह=मेरा दग़िस्तान / रसूल हम्ज़ातव / मदनलाल मधु
}}
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<poem>
ख़ुश्क, गर्म मौसम में बारिश — मेरे बच्चे, वह तुम हो ।
बरसाती गर्मी में सूरज — मेरे बच्चे, वह तुम हो ।
होंठ शहद से मीठे-मीठे — मेरे बच्चे, वे तुम हो ।
काले अँगूरों सी आँखें — मेरे बच्चे, वे तुम हो ।

नाम शहद से बढ़कर मीठा — मेरे बच्चे, वह तुम हो ।
चैन नयन को जो सुख देता — मेरे बच्चे, वह तुम हो ।
धड़क रहा है जो सजीव दिल — मेरे बच्चे, वह तुम हो ।
स्पन्दित दिल की चाबी जैसे — मेरे बच्चे, वह तुम हो ।

जो सन्दूक मढ़ा चाँदी से — मेरे बच्चे, वह तुम हो ।
जो सन्दूक भरा सोने से — मेरे बच्चे, वह तुम हो ।


'''रूसी भाषा से अनुवाद : मदनलाल मधु'''
</poem>
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