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सनकी शासक ख़्वाबों की दुनिया से जब बाहर आता है
मुल्क़ मलबे का ठेर ढेर बन चुका होता है
सनकी शासक मलबे के ढेर पर खड़े होने की कोशिश करता है
पर उसकी रीढ़ टूट चुकी है