भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
और यही पीड़ा
एक नव सृजन का आधार
अब हमें ही कृष्ण बनना होगा
चक्र सुदर्शन धारण करना होगा
 
एक नव युग का आह्वान करें
सब मिलकर ये संकल्प करें
सत्य के पथ पर चलते हुए
हर बुराई से मिलकर लड़ें
 
अब हमें ही कृष्ण बनना होगा
चक्र सुदर्शन धारण करना होगा
</poem>
Delete, Mover, Reupload, Uploader
16,441
edits