भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=संतोष अलेक्स |अनुवादक= |संग्रह= }} {{K...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=संतोष अलेक्स
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatGeet}}
<poem>
मेरी पेंशन रुक गयी है
मां की तबीयत खराब है
खपरैल टूट गए हैं
इस बार भी फसल खराब हो गयी
अपना ख्याल रखना
बेटा! हो सके तो एक बार गांव आना
</poem>
{{KKRachna
|रचनाकार=संतोष अलेक्स
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatGeet}}
<poem>
मेरी पेंशन रुक गयी है
मां की तबीयत खराब है
खपरैल टूट गए हैं
इस बार भी फसल खराब हो गयी
अपना ख्याल रखना
बेटा! हो सके तो एक बार गांव आना
</poem>