भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
बंधा हिमालय उफनती लहरें
ग़ज़ब का सुर फ़लसफ़ा ग़ज़ब है,
 
इन्ही धुँधलकों में रहके जाना
बला का मनहर सुकून हैं ये,
Delete, Mover, Reupload, Uploader
16,441
edits