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{{KKParichay
|चित्र=Tymoteusz Karpowicz.jpg
|नाम=तिमातेउष करपोविच
|उपनाम=Tymoteusz Karpowicz
|जन्म=15 दिसम्बर 1921
|जन्मस्थान=विलना के निकट ज़िलोना मे, पोलैण्ड
|मृत्यु=29 जून 2005
|कृतियाँ=पोमेरेनियन किंवदंतियाँ, 1948 - काव्यात्मक गद्य, सजीव आयाम (1948), कड़वे झरने (1957) पाषाण संगीत (1958),
समीकरण चिह्न (1960), अर्थ के नाम पर (1962), कठिन वन (1964), उलटी रोशनी (1972) - सभी कविता-संग्रह। पर्यटक कहानियाँ (1966), चयनित कविताएँ (1969)
|विविध=बीसवीं सदी के पोल अवाँगार्द कवि, गद्य लेखक, नाटककार, अनुवादक। पोल कविता के एक अग्रणी रचनाकार। इन्हें पोल साहित्य में आख़िरी महाआधुनिकतावादी माना जाता है। बचपन में एक दुर्घटना में अपना एक हाथ गवाँने वाले तिमातेउष करपोविच ने द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान पोलिश प्रतिरोध आंदोलन में भाग लिया। बाद में व्रोकला विश्वविद्यालय में पोल भाषाशास्त्र का अध्ययन किया।1948 में काव्यात्मक गद्य और पामोर्सकिए मिथकों व कविताओं के साथ लेखन की शुरुआत की। लेकिन 1949 में पोलैण्ड में समाजवादी यथार्थवादी आन्दोलन की शुरुआत के बाद लिखना बन्द कर दिया। 1973 में उन्हें उत्तरी अमेरिका में शोध छात्रवृत्ति प्राप्त हुई। इस छात्रवृत्ति का लाभ उठाते हुए, उन्होंने देश वापस न लौटने का फैसला किया और अपनी मृत्यु तक संयुक्त राज्य अमेरिका में निर्वासन में रहे। उनके कुल आठ कविता-संग्रह प्रकाशित हुए।उनकी साहित्यिक गतिविधि मुख्य रूप से कविता में भाषाई प्रवृत्ति से संबंधित थी।
|जीवनी=[[तिमातेउष करपोविच / परिचय]]
|अंग्रेज़ीनाम=Tymoteusz Karpowicz
|shorturl=
|gadyakosh=
|copyright=
}}
====कुछ प्रतिनिधि रचनाएँ====
* [[ / तिमातेउष करपोविच / अनिल जनविजय]]
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|चित्र=Tymoteusz Karpowicz.jpg
|नाम=तिमातेउष करपोविच
|उपनाम=Tymoteusz Karpowicz
|जन्म=15 दिसम्बर 1921
|जन्मस्थान=विलना के निकट ज़िलोना मे, पोलैण्ड
|मृत्यु=29 जून 2005
|कृतियाँ=पोमेरेनियन किंवदंतियाँ, 1948 - काव्यात्मक गद्य, सजीव आयाम (1948), कड़वे झरने (1957) पाषाण संगीत (1958),
समीकरण चिह्न (1960), अर्थ के नाम पर (1962), कठिन वन (1964), उलटी रोशनी (1972) - सभी कविता-संग्रह। पर्यटक कहानियाँ (1966), चयनित कविताएँ (1969)
|विविध=बीसवीं सदी के पोल अवाँगार्द कवि, गद्य लेखक, नाटककार, अनुवादक। पोल कविता के एक अग्रणी रचनाकार। इन्हें पोल साहित्य में आख़िरी महाआधुनिकतावादी माना जाता है। बचपन में एक दुर्घटना में अपना एक हाथ गवाँने वाले तिमातेउष करपोविच ने द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान पोलिश प्रतिरोध आंदोलन में भाग लिया। बाद में व्रोकला विश्वविद्यालय में पोल भाषाशास्त्र का अध्ययन किया।1948 में काव्यात्मक गद्य और पामोर्सकिए मिथकों व कविताओं के साथ लेखन की शुरुआत की। लेकिन 1949 में पोलैण्ड में समाजवादी यथार्थवादी आन्दोलन की शुरुआत के बाद लिखना बन्द कर दिया। 1973 में उन्हें उत्तरी अमेरिका में शोध छात्रवृत्ति प्राप्त हुई। इस छात्रवृत्ति का लाभ उठाते हुए, उन्होंने देश वापस न लौटने का फैसला किया और अपनी मृत्यु तक संयुक्त राज्य अमेरिका में निर्वासन में रहे। उनके कुल आठ कविता-संग्रह प्रकाशित हुए।उनकी साहित्यिक गतिविधि मुख्य रूप से कविता में भाषाई प्रवृत्ति से संबंधित थी।
|जीवनी=[[तिमातेउष करपोविच / परिचय]]
|अंग्रेज़ीनाम=Tymoteusz Karpowicz
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====कुछ प्रतिनिधि रचनाएँ====
* [[ / तिमातेउष करपोविच / अनिल जनविजय]]