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Kavita Kosh से
कि ये लाठी और गठरी ही मेरी दुनिया है
तुमको मुबारक मुबारक़ हो तुम्हारी दुनिया
मुझे पड़ा रहने दो अपनी लाठी और गठरी के साथ ।
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