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|रचनाकार=कुंदन सिद्धार्थ
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<poem>
चिड़िया उदास होती है
तो पृथ्वी के माथे पर पड़ती हैं लकीरें
एक पेड़ मरता है
तो सबसे ज़्यादा चिंतित होती है
पृथ्वी
जब स्त्री रोती है
उस रात
पृथ्वी को नींद नहीं आती
</poem>
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चिड़िया उदास होती है
तो पृथ्वी के माथे पर पड़ती हैं लकीरें
एक पेड़ मरता है
तो सबसे ज़्यादा चिंतित होती है
पृथ्वी
जब स्त्री रोती है
उस रात
पृथ्वी को नींद नहीं आती
</poem>