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वाक़ई गधे हो / शैल चतुर्वेदी

3 bytes added, 17:18, 28 नवम्बर 2008
एक गधा <br>
दूसरे गधे से मिला<br>
तो बोला-"कहो यार कैसे हो?"<br>दूसरा बोला-"तुम वाकई गधे हो<br>
एक साल होने को आया<br>
एक ही जगह बंधे हो<br>
डाक्टरों ने दल बदले <br>
मगर तुमने <br>
खूंटा तक नहीं बदला|बदला।"<br>
तभी बोल उठा पहला-<br>
"सामने वाले बंगले में <br>
दो नेता रहते हैं<br>
रोज़ आपस में लड़तें लड़ते हैं<br>एक कहता है तुमसे गधा अछ्छा अच्छा <br>
दूसरा कहता है गधे का बच्चा<br>
और मैं यह जानना चाहता हूँ <br>
कि वो कौन -सा नेता नेता है जो मेरा बेटा है|है।