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{{KKRachna
|रचनाकार=आर. चेतनक्रांति
|संग्रह=
}}
<poem>
'''एक पानी की पुडि़या मिली है / माथे पर बांधे फिरता हूँ / बूंद-बूंद टपकती है / कभी आँख से / कभी रूह पर।'''
'''शोभा के लिए'''
बच्ची एक खूबसूरत चिडि़या का नाम था