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इतना जीवन / प्रयाग शुक्ल

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|संग्रह=यह जो हरा है / प्रयाग शुक्ल
}}
 <Poem>
हँसती हुई लड़की में
 
दौड़ते हुए लड़के में ।
 
फूलों में, घास में
 
झुर्रियों में ।
 धूप में । चाँदनी चांदनी में । 
लहरों में, करवटों में--
 
हवा की ।
 
बादलों में ।
 
उछालों में
 
पर्वतों की ।
 
दहाड़ में समुद्र की ।
 
गलियों में । पाँत में पेड़ों की ।
 
स्त्रियों की आँखों में ।
 
पाँखों में चिड़ियों की ।
 
जीवन । जीवन ।
 
इतना जीवन ।
</poem>
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