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/* एक अंतर्कथा / गजानन माधव मुक्तिबोध */ नया विभाग
- अनिल एकलव्य
== एक अंतर्कथा / गजानन माधव मुक्तिबोध ==
एकलव्य जी,
[[एक अंतर्कथा / गजानन माधव मुक्तिबोध]] काफ़ी लम्बी रचना जान पड़ती है। आप इसे ३-४ हिस्सों में बांट दीजिये। इससे पन्ने के लोड होने में आसानी होगी और परिभ्रमण में भी।
शुभाकांक्षी
--[[सदस्य:सम्यक|सम्यक]] २०:५८, ३० जनवरी २००९ (UTC)