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तब्दीली / ब्रज श्रीवास्तव

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जाना-पहचाना सा कुछ भी
जो सुनना चाहता हू~महूँ
नहीं कहा जाता अब
जो देखना चाहता हू~महूँ
नहीं दिखाई देता
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