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नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=विजय राठौर |संग्रह= }} <Poem> ईश्वर का दिया हुआ सब कुछ ...
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{{KKRachna
|रचनाकार=विजय राठौर
|संग्रह=
}}
<Poem>
ईश्वर का दिया हुआ
सब कुछ है मेरे पास
पैनी, दूरदृष्टि सम्पन्न
पारदर्शी आँखें
पूरी सृष्टि को अपने घेरे में क़ैद करने को
आतुर ताक़तवर हाथ
गन्तव्य को चीन्हते क्षमतावान पाँव
कम्प्यूटरीकृत दिमाग़
और असीम सम्भावनाओं भरी
हाथ की लकीरें
सब करने में समर्थ हूँ मैं
पर ख़ुद को कमज़ोर करता हूँ
दूसरों पर भरोसा करके।
</poem>
{{KKRachna
|रचनाकार=विजय राठौर
|संग्रह=
}}
<Poem>
ईश्वर का दिया हुआ
सब कुछ है मेरे पास
पैनी, दूरदृष्टि सम्पन्न
पारदर्शी आँखें
पूरी सृष्टि को अपने घेरे में क़ैद करने को
आतुर ताक़तवर हाथ
गन्तव्य को चीन्हते क्षमतावान पाँव
कम्प्यूटरीकृत दिमाग़
और असीम सम्भावनाओं भरी
हाथ की लकीरें
सब करने में समर्थ हूँ मैं
पर ख़ुद को कमज़ोर करता हूँ
दूसरों पर भरोसा करके।
</poem>