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|रचनाकार=सुदर्शन वशिष्ठ
|संग्रह=जो देख रहा हूँ / सुदर्शन वशिष्ठ
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<poem>
क्या नहीं हो सकता साहब
कुछ भी असम्भव नहीं
क्या नहीं हो सकता
इस देश में
बैल वाहन हो सकता है
हो सकता है बैल भगवान
सब से असुरक्षित जगह संसद
सब से सुरक्षित है तस्कर की मांद
थाना असुरक्षित
ठिकाना सुरक्षित
संतरी बन सकता है मंतरी
देवता हो सकता है बजंतरी
हो सकता है दूध का पानी
लहू तो पानी है ही
दिखता है संतरा नींबू
लम्बू के लिये
तरबूज है चीकू
बौने के लिये
क्या नहीं हो सकता
जूता हो सकता है सिर
सिर जूता
डाकू बन सकता है सांसद
सांसद डाकू
क्या नहीं हो सकता साहब
असम्भव शब्द नहीं है
इस देश के शब्दकोष में।
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