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रश्मिरथी / प्रथम सर्ग / भाग 3

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|संग्रह= रश्मिरथी / रामधारी सिंह "दिनकर"
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फिरा कर्ण, त्यों 'साधु-साधु' कह उठे सकल नर-नारी,
छल से माँग लिया करते हो अंगूठे का दान।
 
 
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