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{{KKRachna
|रचनाकार=विष्णु नागर
}}
हम सब जहाँ से होते हुए जायेंगे
वहाँ कुछ देर अपनी गठरियाँ रखेंगे
तम्बाकू खायेंगे।
हम जहाँ जहाँ जायेंगे
गठरियाँ रखेंगे
तम्बाकू खायेंगे।
{{KKRachna
|रचनाकार=विष्णु नागर
}}
हम सब जहाँ से होते हुए जायेंगे
वहाँ कुछ देर अपनी गठरियाँ रखेंगे
तम्बाकू खायेंगे।
हम जहाँ जहाँ जायेंगे
गठरियाँ रखेंगे
तम्बाकू खायेंगे।