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क़तील शिफ़ाई

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* [[गर्मी-ए-हसरत-ए-नाकाम से जल जाते हैं / क़तील]]
* [[गुज़रे दिनों की याद बरसती घटा लगे / क़तील]]
* [[हर बेज़बाँ को शोलानवा कह लिया करो / क़तील]]
* [[हिज्र की पहली शाम के साये / क़तील]]
* [[इक-इक पत्थर जोड़ के मैनें जो दीवार बनाई है / क़तील]]