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|रचनाकार=रामधारी सिंह '"दिनकर'"}}{{KKPageNavigation|पीछे=रश्मिरथी / तृतीय सर्ग / भाग 3|आगे=रश्मिरथी / तृतीय सर्ग / भाग 5|संग्रहसारणी= रश्मिरथी / रामधारी सिंह '"दिनकर'"
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'शत कोटि विष्णु, ब्रह्मा, महेश,
दोनों पुकारते थे 'जय-जय'!
 
 
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