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|रचनाकार=गा़लिबग़ालिब|संग्रह= दीवाने-ग़ालिब / ग़ालिब
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[[Category:ग़ज़ल]]
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बाज़ीचा-ए-अत्फ़ाल<ref>बच्चों का खेल</ref> है दुनिया, मेरे आगे
होता है शब-ओ-रोज़<ref>रात और दिन</ref> तमाशा, मेरे आगे
हमपेशा-ओ-हममशरबहमशरब-ओ-हमराज़<ref>सहव्यवसायी, /सहपंथी,मेरे जैसा शराबी और विश्वासपात्र</ref> है मेरा 'गा़लिबग़ालिब' को बुरा क्योँ क्यों, कहो अच्छा , मेरे आगे
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