भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
नया पृष्ठ: <poem> दिल की बात समझने का भी मौसम होता है कच्ची इमली चखने का भी मौसम ह...
<poem>
दिल की बात समझने का भी मौसम होता है
कच्ची इमली चखने का भी मौसम होता है

वादे प्यार परखने का भी मौसम होता है
फल का कोई पकने का भी मौसम होता है

शहजादी के सपने का भी मौसम होता है
तलवारों के भिड़ने का भी मौसम होता है

यह क्या जो आया जब आया हो तुम साथ गये
बात किसी की भी रखने का भी मौसम होता है

पतझड़ में संन्यास लिया क्य्आ बाजी मार गये
अपनी जात परखने का भी मौसम होता है

उलटी प्रेम की हर शह जब तो ये अहसास हुआ
इस यौवन के ढलने का भी मौसम होता है
</poem>
Mover, Uploader
2,672
edits