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<poem>{{KKGlobal}}{{KKRachna|रचनाकार=प्रेम भारद्वाज|संग्रह= मौसम मौसम / प्रेम भारद्वाज}}[[Category:ग़ज़ल]]<poem>करने लगेगा बात वह भी सोचकर
रोटियाँ उसको मिली जो पेट भर