भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
[[Category:ग़ज़ल]]
रात भी, नींद भी, कहानी भी<br>
आशिकी मर्गे-नागहानी भी<br><br>
इस अदा का तेरी जवाब नहीं<br>
शादकामों को ये नहीं तौफ़ीक़<br>
दिले-गमगीं की शादमानी भी<br><br>
लाख हुस्नेहुस्न-ए-यकीं से बढकर है<br>
इन निगाहों की बदगुमानी भी<br><br>
तंगना-ए-दिले-मलाल में है<br>
शादमानी भी, कामरानी भी<br><br>
देख दिल के निगारखाने में<br>
खल्क क्या क्या मुझे नहीं कहती<br>
कुछ सुनूं मैं तेरी जुबानी भी<br><br>
आये तारीकेतारीक-ए-इश्क में सौ बार<br>
मौत के दौर दरमियानी भी<br><br>
अपनी मासूमियों के परदे में<br>