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नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अवतार एनगिल |संग्रह=मनखान आएगा /अवतार एनगिल }} <poem>...
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{{KKRachna
|रचनाकार=अवतार एनगिल
|संग्रह=मनखान आएगा /अवतार एनगिल
}}
<poem>इस चाँदनी रात में
काले आसमान पर
चाँद लटक रहा है
लपलपाती कटार सा....
निर्दोष नागरिक की तरफ
दाग़ दिय्ए गये हथगोले सात
दूर
अँचल में
भूंकता है
कोई एक कुत्ता
और फिर पूरी घाटी
कुत्तों की भूंक से डर जाती है।
</poem>
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|रचनाकार=अवतार एनगिल
|संग्रह=मनखान आएगा /अवतार एनगिल
}}
<poem>इस चाँदनी रात में
काले आसमान पर
चाँद लटक रहा है
लपलपाती कटार सा....
निर्दोष नागरिक की तरफ
दाग़ दिय्ए गये हथगोले सात
दूर
अँचल में
भूंकता है
कोई एक कुत्ता
और फिर पूरी घाटी
कुत्तों की भूंक से डर जाती है।
</poem>