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नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अवतार एनगिल |संग्रह=अन्धे कहार / अवतार एनगिल }} <poem>...
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{{KKRachna
|रचनाकार=अवतार एनगिल
|संग्रह=अन्धे कहार / अवतार एनगिल
}}
<poem>रात के तीसरे पहर में
बगल में सोई औरत से बेखबर
अपनी कथित प्राप्तियों से दूर
मगर अपने खुद के करीब
अपनी अधूरी यात्राओं के प्रति
पूरा सजग
खुली आंख से
बन्द खिड़्कियों को घूरता
सात सफरों के बाद
अंतिम यात्रा की नियति के बारे में सोचता
प्रतीक्षारत
जागता
जागता है----सिंदबाद ।</poem>
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|रचनाकार=अवतार एनगिल
|संग्रह=अन्धे कहार / अवतार एनगिल
}}
<poem>रात के तीसरे पहर में
बगल में सोई औरत से बेखबर
अपनी कथित प्राप्तियों से दूर
मगर अपने खुद के करीब
अपनी अधूरी यात्राओं के प्रति
पूरा सजग
खुली आंख से
बन्द खिड़्कियों को घूरता
सात सफरों के बाद
अंतिम यात्रा की नियति के बारे में सोचता
प्रतीक्षारत
जागता
जागता है----सिंदबाद ।</poem>