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ऐसा कुछ भी नहीं / कैलाश वाजपेयी

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ऐसा कुछ भी नहीं जिंदगी में कि हर जानेवाली अर्थी पर रोया जाए |
काँटों बिच बच उगी डाली पर कल
जागी थी जो कोमल चिंगारी ,
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